Thursday 30 August 2012

आशा


यूं ही होती हैं रातें

और सोती हैं दिन की बातें

हुआ सवेरा आशा आई

साथ में दिन भर बाधा लायी

छूई-मुई सी हर एक आशा

आश्वासन की हर इक भाषा

 

पीने के पानी की आशा

जीने के सानी की आशा

बिन बादल बारिश की आशा

बेटे-सा वारिश की आशा

 

नेताओं को वोट की आशा

दीन-हीन को रोट की आशा

बिजली-पानी, सड़क-नौकरी

झट पट पा जाने की आशा

 

मात-पिता संतान से आशा

ना ना पुत्री पर पुत्रों से आशा

समय गया फिर वृद्ध हुआ अब्

बूढी लाठी वृधाश्रम से आशा

 
आशा ही आशा को लाती

आशा बिन जीवन ना साथी

आशा बिन जीवन ना साथी

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