ऐ दिल्ली वालों तनिक डरो
गर यमुना में पानी हो, धर चुल्लू में डूब
मरो
काला-तेरा लाल किला है और खाकी वर्दी भी
काली है
चीरहरण होते ‘बस’ चौराहे पर, शर्म करो बस शर्म करो
दुहसासन-सा बना प्रशाशन, और पुलिस-तंत्र
हो गया निकम्मा
सफेद-पोश लाशो-से मंत्री, गद्दी पर है
बूढी अम्मा
संविधान की कसमे खा कर, बस इटली का
गुण-गान करो
अब संसद की दीवार ढहा दो, नुककड़ नाटक बंद
करो ... नुककड़ नाटक बंद करो
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