मैं बहिन हूँ मंहगाई, जिसका भाई
भ्रष्टाचार
राखी का बंधन ना टूटे, खूब फले ये अपना
प्यार
डायन – डायन कहते मुझको,
पर देख कितनी मैं भोली हूँ,
हूँ काले धन-सी काली,
पर तेरे हाथों की राखी और माथे की रोली
हूँ
डॉलर भैया भी आये हे
‘पैंसठ’ की राखी लाये थे
कह रहे हे की जल्दी बाँध
अब जाना है ‘सत्तर’ पार
ओ प्यारे भैया भ्रष्टाचार.... ओ प्यारे
भैया भ्रष्टाचार
मैं सूर्पनखा तू भैया रावण
दे वचन आज है शुभ दिन पावन
विकास-दर को रंगहीन कर
खुशियाँ भरना मेरे दामन
मैं Onion की Gold परत
तू नेताओं का भाई भरत
‘2G’ को ‘आदर्श’ बना के और ‘Common Wealth’ को धर
अलमारी
तू ही हर्षद, तेलगी और तू ही कांग्रेसी
कलमाड़ी
कुछ ना मुश्कल तेरे खातिर, और नेता
कितने तेरे यार
ओ प्यारे भैया भ्रष्टाचार.... ओ प्यारे
भैया भ्रष्टाचार
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